ध्यानचंद के महान हॉकी खिलाड़ी बेटे की कहानी, 'करिश्माई गोल' से भारत को जिताया था एकमात्र हॉकी वर्ल्ड कप
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: August 29, 2018 07:44 IST2018-08-29T07:44:53+5:302018-08-29T07:44:53+5:30
Ashok Kumar: महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार के एकमात्र गोल की बदौलत भारत ने 1975 वर्ल्ड में भारत को जीत दिलाई थी

अशोक कुमार ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद के 1936 में बर्लिन ओलंपिक में दिखाए गए करिश्माई खेल के करीब 40 साल बाद 1975 का वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में शामिल एक खिलाड़ी के गेंद पर कमाल के नियंत्रण की हर तरफ चर्चा हो रही थी। इस खिलाड़ी का नाम था अशोक कुमार जो मेजर ध्यानचंद के बेटे और भारत के महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे।
अशोक कुमार को न सिर्फ मेजर ध्यानचंद का बेटा होने की वजह से जाना जाता है बल्कि वह खुद भी भारत के सबसे बेहतरीन हॉकी खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। 1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ दागे गए उनके विजयी गोल के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
1975 वर्ल्ड कप जीत के हीरो रहे अशोक कुमार
वैसे तो अशोक कुमार भारत के लिए चार वर्ल्ड कप खेले लेकिन उन्हें जिस वर्ल्ड कप के लिए हमेशा याद रखा जाएगा वह है 1975 का वर्ल्ड कप। अशोक कुमार ने भारत के लिए पहला वर्ल्ड कप 1971 में खेला जिसमें भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वहीं 1973 के एम्सटडर्म ओलंपिक में भारत ने सिल्वर मेडल जीता था। लेकिन 1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में जब भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला 1-1 से बराबरी पर था तो अशोक कुमार ने विजयी गोल दागते हुए भारत को पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बना दिया।
सुरजीत सिंह के पास पर अशोक कुमार ने गोल करने की कोशिश की लेकिन गेंद गोलपोस्ट से टकराकर वापस आ गई लेकिन अशोक कुमार ने पलक झपकते हुए तुरंत ही दूसरी कोशिश में गेंद को गोलपोस्ट के अंदर पहुंचा दिया और भारत को यादगार जीत दिला दी। 1975 की वर्ल्ड कप जीत के बाद अशोक कुमार 1978 में अर्जेंटीना में हुए वर्ल्ड कप में आखिरी बार भारत के लिए खेले लेकिन उसमें भारतीय टीम छठे स्थान पर रही।
अशोक कुमार भारत के लिए तीन एशियन गेम्स (1970, 1974 और 1978) में खेले और तीनों में ही भारत ने सिल्वर मेडल जीता। इसके अलावा वह दो ओलंपिक खेलों में भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे। उनकी मौजदूगी में भारत ने 1972 के म्युनिख ओलंपिक का ब्रॉन्ज मेडल जीता, हालांकि 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में भारतीय टीम छठे स्थान पर रही। उनके पिता ध्यानचंद ने उन्हें पहली बार खेलते हुए 1974 में देखा जब वह ऑल एशियन स्टार टीम की तरफ से खेल रहे थे।
अशोक कुमार का जन्म 1 जून 1950 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। वह भारत में मोहन बागान और इंडियन एयरलाइंस की तरफ से खेले। हॉकी में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें 1974 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।
गेंद पर नियंत्रण की अद्भुत क्षमता के लिए अशोक कुमार को भारत के सबसे महान हॉकी खिलाड़ी के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा।