क्यों है अमरनाथ मंदिर की इतनी मान्यता, जानें 10 बड़ी बातें
By गुलनीत कौर | Updated: June 28, 2018 08:12 IST2018-06-28T08:12:36+5:302018-06-28T08:12:36+5:30
हर वर्ष जुलाई से अगस्त महीने के बीच (श्रावण माह में) लाखों श्रद्धालु अमरनाथ मंदिर में जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

amarnath temple
जम्मू-कश्मीर से 145 किमी की दूरी पर स्थित भगवान शिव के 'अमरनाथ मंदिर' का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है। हर वर्ष जुलाई से अगस्त महीने के बीच (श्रावण माह में) लाखों श्रद्धालु अमरनाथ मंदिर में जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए सरकार द्वारा खास प्रबंध किए जाते हैं। मंदिर के रास्ते में कई बार आतंकी हमले भी होते हैं, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी हर साल बड़ी संख्या में में भक्त अमरनाथ यात्रा के लिए जरूर जाते हैं। ऐसा क्या है यहां जो भक्तों को इस मंदिर से जोड़े रखता है? वे अपनी जान की परवाह किए बिना भी यहां दर्शन के लिए अवश्य आते हैं। आइए जानते हैं अमरनाथ मंदिर से जुड़े कुछ रचक तथ्यों के बारे में:
1. अमरनाथ मंदिर हिन्दू धर्म की त्रिमूर्ति- ब्रह्मा, विष्णु, महेश (शिव) में से एक भगवान शिव से जुड़ा पौराणिक तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि यहां की गुफा में आज भी महादेव शिव वास करते हैं।
2. अमरनाथ की गुफा में हर साल स्वतः ही 'हिम शिवलिंग' का निर्माण होता है। इस हिम शिवलिंग को बनाने के लिए किसी भी प्रकार की मानवीय कोशिश नहीं की जाती है। हिन्दू भक्त इसे भगवान शिव का चमत्कार समझते हैं।
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3. अमरनाथ मंदिर की गुफा के भीतर ना केवल हिम शिवलिंग का चमत्कारी निर्माण होता है, साथ ही अन्य चमत्कार भी देखे जा सकते हैं। हर साल गुफा में स्वतः ही वर्फ से चार से पांच आकृतियों का निर्माण होता है। ये आकृतियां विभिन्न देवी-देवताओं की होती हैं।
4. गुफा में बनी आकृतियों में से एक तो भगवान शिव यानी बाबा अमरनाथ की होती है। इसके अलावा भगवान गणेश, माता पार्वती संग अन्य देवी-देवताओं से मेल खाती आकृतियां भी रूप लेती हैं। इन आकृतियों को देख भक्तों में खुशी की लहर छा जाती है।
5. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बाबा अमरनाथ के दर्शन करने वाला भक्त काशी के विश्वनाथ से दस गुना और संगम प्रयाग से 100 गुना अधिक फल को प्राप्त करता है। उसकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है।
6. अमूमन लोग यही जानते हैं कि अमरनाथ मंदिर में स्वतः हिम शिवलिंग का निर्माण होता है, इस्लोइए इसकी इतनी मानयता है। लेकिन इसी मंदिर की गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को 'अमरत्व' का मंत्र भी सुनाया था। यह इस मंदिर की चमत्कारी शक्तियों एवं महान मान्यता का एक और बड़ा कारण है।
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7. कहा जाता है कि जिस समय भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुना रहे थे उस समय गलती से उसे एक शुक (तोता) और दो कबूतरों ने भी सुन लिया था। आगे चलकर शुक को महान ऋषि शुकदेव के रूप में अमरता हासिल हुई और कबूतरों को आज भी इस गुफा में देखा जा सकता है।
8. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मंदिर की गुफा के भीतर माता पार्वती को ना केवल अमरता का मंत्र सुनाया था, साथ ही सृष्टि की रचना की कथा भी सुनाई थी।
9. मान्यता है कि रक्षाबंधन की पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान शिव मंदिर की गुफा में पधारते हैं। इसलिए इसी दिन गुफा में बने हिम शिवलिंग के पास 'छड़ी मुबारक' भी स्थापित की जाती है।
10. बाबा अमरनाथ मंदिर केवल भगवान शिव का पौराणिक मंदिर नहीं है, यह 51 शक्तिपीठों में से एक भी है। गुफा के अन्दर स्थित पार्वती पीठ को 51 महान शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स, फ्लिकर



